भारत-पाक संबंधों का इतिहास: सामाजिक, राजनीतिक और सैन्य संघर्ष की गाथा

 


भारत-पाक संबंधों का इतिहास: सामाजिक, राजनीतिक और सैन्य संघर्ष की गाथा

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समझें—1947 से अब तक के युद्ध, समझौते, संघर्षों और मौजूदा हालात की गहराई से जानकारी।


भारत-पाक संबंधों का सामाजिक, राजनीतिक और सैन्य इतिहास

1. विभाजन और प्रारंभिक तनाव (1947–1948)

  • कारण: अंग्रेजों द्वारा भारत का विभाजन धार्मिक आधार पर—हिंदू बहुल भारत और मुस्लिम बहुल पाकिस्तान।

  • घटना: जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय पर पाकिस्तान असहमत।

  • युद्ध: पहला भारत-पाक युद्ध (1947–1948)।

  • समाप्ति: संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में 1949 में युद्धविराम रेखा (Ceasefire Line) बनाई गई।


2. दूसरा युद्ध और ताशकंद समझौता (1965)

  • कारण: पाकिस्तान की ऑपरेशन जिब्राल्टर—कश्मीर में घुसपैठ।

  • युद्ध: 1965 का भारत-पाक युद्ध (अगस्त–सितंबर)।

  • स्थल: जम्मू, कश्मीर, पंजाब, राजस्थान।

  • समाप्ति: ताशकंद समझौता (10 जनवरी 1966) — USSR की मध्यस्थता, शांति बहाल।


3. तीसरा युद्ध और बांग्लादेश का निर्माण (1971)

  • कारण: पूर्वी पाकिस्तान में बंगालियों पर अत्याचार, भारत में 1 करोड़ से अधिक शरणार्थी।

  • युद्ध: भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की।

  • परिणाम: 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना का आत्मसमर्पण, बांग्लादेश का निर्माण

  • समझौता: शिमला समझौता (2 जुलाई 1972) – द्विपक्षीय विवादों को शांतिपूर्वक हल करने का संकल्प।


4. कारगिल युद्ध (1999)

  • कारण: पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों द्वारा कारगिल की ऊँचाईयों पर कब्जा।

  • समाप्ति: भारत की सैन्य विजय, अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान पीछे हटा।

  • कुंजी स्थल: टाइगर हिल, तोलोलिंग, बटालिक।


5. 21वीं सदी के तनाव

  • 2001 संसद हमला: जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका, भारत की सैन्य तैयारी (ऑपरेशन पराक्रम)।

  • 2008 मुंबई हमला: लश्कर-ए-तैयबा द्वारा हमला, भारत ने पाकिस्तान से कार्रवाई की मांग की।

  • 2016 उरी हमला और सर्जिकल स्ट्राइक।

  • 2019 पुलवामा हमला और बालाकोट एयरस्ट्राइक।


मुख्य समझौते और संधियाँ

वर्षसमझौता / वार्ताविवरण
1949UN Ceasefire Agreementयुद्धविराम रेखा की स्थापना
1966ताशकंद समझौतायुद्ध समाप्ति और शांति बहाली
1972शिमला समझौताद्विपक्षीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान
1999लाहौर घोषणापरमाणु शांति और भरोसा निर्माण प्रयास (विफल)

वर्तमान स्थिति और भविष्य की रूपरेखा (2025)

सैन्य दृष्टिकोण:

  • LOC पर अक्सर संघर्षविराम उल्लंघन होते हैं।

  • भारत की जवाबी रणनीति अब अधिक आक्रामक है—“नई सैन्य नीति: पहले हमला करने का अधिकार”

राजनीतिक दृष्टिकोण:

  • भारत: आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस”, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना (2019)।

  • पाकिस्तान: कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना, चीन और तुर्की का समर्थन पाना।

  • डिप्लोमैटिक रिश्ते: उच्चायुक्तों को वापस बुलाया गया है; संवाद ठप।

सामाजिक दृष्टिकोण:

  • दोनों देशों में आम जनता युद्ध नहीं चाहती, परंतु कट्टरपंथी भावनाएँ और मीडिया का उन्माद तनाव बढ़ाते हैं।

  • सीमापार सांस्कृतिक संबंध—संगीत, खेल, सिनेमा—अभी भी रुके हुए हैं।


आगामी परिदृश्य (Outlook):

  • सकारात्मक संभावना: शांतिपूर्ण बातचीत की शुरुआत—अगर आतंकवादी गतिविधियाँ रुकती हैं और दोनों पक्ष राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हैं।

  • नकारात्मक संभावना: एलओसी या पीओके में फिर से सैन्य झड़पें।

  • अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: अमेरिका, चीन, सऊदी अरब जैसे देश मध्यस्थता की कोशिश कर सकते हैं, पर भारत द्विपक्षीय समाधान पर कायम है।

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