मुरिदके पर भारतीय स्ट्राइक: आतंक के गढ़ पर वार और मोदी की निर्णायक नीति का प्रमाण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्णायक कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय पर सर्जिकल स्ट्राइक की। यह हमला आतंक के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और मोदी सरकार की सख्त रणनीति को दर्शाता है — यही वजह है कि देश उन्हें बार-बार अपना नेता चुनता है।
मुरिदके पर क्या हुआ?
मई 2025 की शुरुआत में, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में मौजूद आतंकी ढाँचों पर जोरदार जवाबी हमले किए। इन हमलों का सबसे अहम लक्ष्य था पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मुरिदके, जहां स्थित है लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय - मरकज़-ए-तैयबा।
यह वही स्थान है, जहाँ 26/11 मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब को प्रशिक्षण मिला था।
भारतीय वायुसेना और मिसाइल यूनिट्स द्वारा मुरिदके स्थित इस आतंकी परिसर को टारगेट किया गया और इसे काफी हद तक नष्ट कर दिया गया।
स्थानीय प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषण
हमले के बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि मरकज़-ए-तैयबा केवल धार्मिक और सामाजिक संस्था है, लेकिन यूके मीडिया और बीबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय चैनलों ने इस जगह को जिहादी कंटेंट का स्रोत बताया, जिससे भारत का दावा और मजबूत हुआ।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हमला काफी सटीक था और क्षेत्र को पहले ही खाली करवा लिया गया था, जिससे आम नागरिकों की जान नहीं गई।
मोदी का निर्णायक नेतृत्व: क्यों बार-बार उन्हें वोट मिलता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद देश को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि:
"भारत अब आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा। आतंक और बात एक साथ नहीं हो सकते।"
"भारत ने सिर्फ गोली नहीं, नीति भी बदली है।"
मोदी की यह निर्णायक और साहसी रणनीति, जिसमें पाकिस्तान की सीमा के अंदर तक घुसकर आतंक के ठिकानों को तबाह किया गया, यही कारण है कि भारत की जनता उन्हें बार-बार अपना प्रधानमंत्री चुनती है।
लोगों का विश्वास है कि मोदी आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे गंभीर मामलों में साफ दृष्टिकोण और ठोस कदम उठाते हैं। यही उनका लीडरशिप ब्रांड बन गया है।
निष्कर्ष: एक नया सुरक्षा सिद्धांत
मुरिदके पर भारतीय कार्रवाई ने दुनिया को यह साफ संकेत दे दिया कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति अपनाएगा जब बात आतंकवाद की हो। यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक नया जियोपॉलिटिकल संदेश भी है — भारत आतंक के हर गढ़ को जड़ से खत्म करने को तैयार है।



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