इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तारी

इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में कोलकाता में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पुलिस का दावा – नोटिस देने की कई कोशिशें असफल रहीं, बाद में कोर्ट से वारंट लेकर गिरफ्तार किया गया।

इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तारी


इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

इंस्टाग्राम पर एक कथित आपत्तिजनक वीडियो साझा करने के मामले में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उनके द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। मामला 15 मई 2025 को कोलकाता के गार्डन रीच थाने में दर्ज हुआ था।

कोर्ट में पेशी और जमानत याचिका

गिरफ्तारी के बाद पनोली को शनिवार को कोलकाता की अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 13 जून 2025 तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनके वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करते हुए तर्क दिया कि मामले में जिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (मोबाइल और लैपटॉप) का ज़िक्र किया गया है, उन्हें पहले ही जब्त कर लिया गया है।

हालांकि, कोर्ट ने पुलिस हिरासत की मांग को खारिज करते हुए न्यायिक हिरासत का आदेश दिया।

पृष्ठभूमि – क्या है मामला?

शर्मिष्ठा पनोली पर आरोप है कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर ऐसा वीडियो अपलोड किया था जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। कोलकाता पुलिस का कहना है कि वे कई बार कानूनी नोटिस देने की कोशिश कर चुके थे, लेकिन पनोली और उनके परिवार के हर बार फरार रहने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका।

इस कारण कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी कराया गया और इसके आधार पर शुक्रवार को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया।

यह उल्लेखनीय है कि 15 मई को शर्मिष्ठा पनोली ने विवादित वीडियो हटा दिया था और सोशल मीडिया पर माफ़ी भी मांगी थी। लेकिन इसके बावजूद कानूनी कार्रवाई जारी रही।

कोलकाता पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस की कार्रवाई पर जब सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे और कुछ ने इसे "अवैध गिरफ्तारी" बताया, तो कोलकाता पुलिस ने इन दावों को "ग़लत और भ्रामक" करार दिया।

पुलिस ने एक बयान में कहा:

“सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। आरोपी और उसका परिवार नोटिस मिलने से लगातार बचता रहा। अंततः कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, जिसके तहत उन्हें कानून के तहत गिरफ्तार किया गया।”

पुलिस ने जनता से असत्यापित या भ्रामक जानकारी साझा करने से बचने और केवल प्रामाणिक स्रोतों से ही सूचना प्राप्त करने की अपील की है।

निष्कर्ष

यह मामला सोशल मीडिया पर सक्रिय व्यक्तियों के लिए एक सावधानीपूर्ण संकेत है कि इंटरनेट पर साझा की गई सामग्री की कानूनी ज़िम्मेदारी भी होती है, खासकर जब वह धार्मिक या संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी हो।

शर्मिष्ठा पनोली अब 13 जून तक न्यायिक हिरासत में रहेंगी और मामले की अगली सुनवाई तथा जमानत याचिका पर निर्णय पर सभी की नजर बनी हुई है।


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