क्या दूध और चीज़ हमारे आंत स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं? जानिए नई रिसर्च का सच
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| क्या दूध और चीज़ हमारे आंत स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं? जानिए नई रिसर्च का सच |
नई रिसर्च में पाया गया कि दूध आंत में लाभकारी बैक्टीरिया बढ़ाता है, जबकि चीज़ कुछ अच्छे माइक्रोब्स को कम कर सकता है। जानिए आंत स्वास्थ्य पर डेयरी उत्पादों का असर इस विस्तृत रिपोर्ट में।
परिचय: आंत स्वास्थ्य क्यों ज़रूरी है?
हमारे शरीर की आंत (गट) न केवल पाचन का केंद्र है, बल्कि यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली, मस्तिष्क स्वास्थ्य और समग्र शारीरिक संतुलन से भी जुड़ी हुई है। आंत में पाए जाने वाले लाखों प्रकार के सूक्ष्मजीव — जिन्हें गट माइक्रोबायोटा कहा जाता है — हमारे शरीर को पोषण, रोग प्रतिरोध और मानसिक संतुलन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आजकल के जीवनशैली, प्रोसेस्ड फूड्स और तनाव ने इस संतुलन को काफी प्रभावित किया है। ऐसे में, यह जानना जरूरी है कि जो खाद्य पदार्थ हम रोज़ खाते हैं — जैसे दूध और चीज़ — वो हमारे आंत पर कैसा प्रभाव डालते हैं। इसी सवाल का जवाब देने के लिए हाल ही में एक गहन शोध किया गया, जिसके नतीजे बेहद रोचक हैं।
शोध का अवलोकन: क्या पाया गया?
यह अध्ययन अमेरिका के एक प्रमुख शोध संस्थान द्वारा 34 वयस्कों पर किया गया था, जिन्होंने पिछले एक वर्ष में अपनी डायरी में नियमित रूप से यह दर्ज किया था कि वे कौन-कौन से डेयरी उत्पाद कितनी मात्रा में खा-पीते हैं। शोधकर्ताओं ने इन प्रतिभागियों की कोलोनिक म्यूकोसा बायोप्सी की, जिससे यह जाना गया कि उनके गट माइक्रोबायोटा की स्थिति कैसी है।
शोध का मुख्य उद्देश्य यह था कि दूध, चीज़ और योगर्ट जैसे लोकप्रिय डेयरी उत्पाद हमारे आंत में कौन-कौन से बैक्टीरिया को बढ़ाते या घटाते हैं, और इससे हमारा स्वास्थ्य कैसे प्रभावित होता है।
दूध: आंत का मित्र
शोध में स्पष्ट रूप से सामने आया कि जो प्रतिभागी अधिक मात्रा में दूध का सेवन कर रहे थे, उनके गट में फायदेमंद बैक्टीरिया की संख्या और विविधता अधिक थी। विशेष रूप से Faecalibacterium और Akkermansia जैसे माइक्रोब्स की वृद्धि देखी गई।
दूध से लाभ:
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Faecalibacterium: यह बैक्टीरिया एक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट की तरह काम करता है, जो आंत की सूजन को कम करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
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Akkermansia: यह आंत की दीवार को स्वस्थ रखता है, जिससे शरीर में हानिकारक तत्व नहीं घुस पाते।
यह भी माना गया कि दूध में मौजूद लैक्टोज इन बैक्टीरिया के लिए "खुराक" का काम करता है, जिससे ये अधिक संख्या में बढ़ते हैं। इससे न केवल पाचन अच्छा होता है, बल्कि शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती है।
चीज़: दोधारी तलवार
अब बात करते हैं चीज़ की, जो स्वाद में जितना लाजवाब है, उसके गट पर प्रभाव उतने ही जटिल हैं। शोध में यह पाया गया कि जो लोग अधिक चीज़ खाते हैं, उनकी आंत में कुछ आवश्यक बैक्टीरिया की मात्रा में गिरावट आती है।
नकारात्मक प्रभाव:
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Bacteroides नामक बैक्टीरिया, जो सामान्यत: गट में पाया जाता है और पाचन में मदद करता है, वह चीज़ सेवन से घटा हुआ पाया गया।
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Subdoligranulum नामक एक और महत्वपूर्ण माइक्रोब, जो मेटाबोलिक स्वास्थ्य और कोलोरेक्टल कैंसर की रोकथाम से जुड़ा है, वह भी कम पाया गया।
यह संभव है कि चीज़ में मौजूद सैचुरेटेड फैट्स, प्रिजर्वेटिव्स और हाई सोडियम लेवल इन सूक्ष्मजीवों के लिए हानिकारक हों। हालांकि, चीज़ में कुछ लाभकारी गुण भी होते हैं, जैसे कैल्शियम और प्रोटीन, लेकिन गट माइक्रोबायोटा के दृष्टिकोण से इसके नियमित और अधिक सेवन से सावधान रहना उचित है।
योगर्ट: आश्चर्यजनक रूप से न्यूट्रल?
अध्ययन में यह पाया गया कि प्रतिभागियों द्वारा योगर्ट का सेवन बहुत कम किया गया था, इसलिए उसके असर पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका। हालांकि, अन्य अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि प्रोबायोटिक योगर्ट आंत स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है, खासकर अगर उसमें लाइव एक्टिव कल्चर मौजूद हों।
क्यों ज़रूरी है यह अध्ययन?
इस अध्ययन का महत्व इसलिए है क्योंकि यह बताता है कि सभी डेयरी उत्पाद एक जैसे नहीं होते। लोगों के मन में अक्सर यह भ्रम रहता है कि दूध और चीज़ दोनों ही "डेयरी" हैं, इसलिए इनके प्रभाव एक जैसे होंगे, लेकिन यह रिसर्च बताती है कि ऐसा नहीं है।
जहाँ दूध आंत की "दोस्ती" बढ़ाता है, वहीं चीज़ यदि अत्यधिक मात्रा में खाया जाए, तो यह इस दोस्ती को नुकसान भी पहुँचा सकता है।
क्या करें? – व्यावहारिक सुझाव
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दूध का नियमित सेवन करें: यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी नहीं है, तो दिन में एक या दो ग्लास दूध आपके गट माइक्रोबायोटा को मजबूत कर सकता है।
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चीज़ को सीमित मात्रा में खाएं: हफ्ते में 2-3 बार थोड़ी मात्रा में चीज़ खाना नुकसानदेह नहीं है, लेकिन इसे रोज़ाना खाना आंत को नुकसान पहुँचा सकता है।
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प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन बढ़ाएं: योगर्ट, छाछ, अचार जैसे खाद्य पदार्थ गट के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
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फाइबर युक्त आहार लें: फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज आदि माइक्रोबायोटा के लिए "खाद" का काम करते हैं।
निष्कर्ष: संतुलन है स्वास्थ्य की कुंजी
यह अध्ययन हमें एक महत्वपूर्ण बात सिखाता है — हर चीज़ की अति हानिकारक होती है। डेयरी उत्पादों में दूध आंत को सहयोग देता है, जबकि चीज़ का अत्यधिक सेवन संतुलन को बिगाड़ सकता है। अगर हम संतुलित आहार लें, तो हम न केवल अपने पाचन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।
Sources
1.Earth.com: New study shows that dairy milk cheese consumption improves gut biodiversity health
2.Medical News Today: How do different dairy products affect gut health?
3.News-Medical.net: Milk boosts gut-friendly bacteria while cheese alters microbiome balance, study revealspmc.ncbi.nlm.nih.gov+1

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