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"आधुनिक जीवनशैली में इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जानिए इसके 5 प्रमुख कारण, जैसे जेनेटिक्स, एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग, शहरी जीवनशैली, असंतुलित आहार और दवाओं का प्रभाव, और इससे बचाव के उपाय।"
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD): बढ़ते मामलों के 5 प्रमुख कारण और इससे बचाव के उपाय
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) एक पुरानी आंतों की सूजन संबंधी स्थिति है, जिसमें क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस शामिल हैं। यह रोग पाचन तंत्र की परत को प्रभावित करता है, जिससे पेट दर्द, दस्त, वजन कम होना और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। हाल के वर्षों में, भारत सहित दुनिया भर में IBD के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। यह केवल शराब सेवन से संबंधित नहीं है; इसके पीछे कई अन्य कारण भी हैं।
1. जेनेटिक प्रवृत्ति
IBD का एक प्रमुख कारण आनुवंशिक प्रवृत्ति है। यदि आपके परिवार में किसी को यह रोग है, तो आपके इसके शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने 200 से अधिक ऐसे जीन की पहचान की है जो IBD के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ये जीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और आंतों की परत की सुरक्षा क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
2. एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग
एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग आंतों की प्राकृतिक बैक्टीरिया संतुलन को बिगाड़ सकता है। ये दवाएं हानिकारक बैक्टीरिया के साथ-साथ लाभकारी बैक्टीरिया को भी नष्ट कर देती हैं, जिससे आंतों की परत कमजोर हो जाती है और सूजन की संभावना बढ़ जाती है।
3. शहरी जीवनशैली
शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में IBD के मामले अधिक देखे गए हैं। शहरों में बच्चों को प्राकृतिक माइक्रोब्स के संपर्क में कम आने के कारण उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, प्रदूषण, तनाव और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली भी इस रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं।
4. असंतुलित आहार
पश्चिमी शैली का आहार, जिसमें प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, उच्च वसा और कम फाइबर शामिल हैं, आंतों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे आहार से आंतों में सूजन बढ़ सकती है और IBD का खतरा बढ़ सकता है।
5. अन्य दवाओं का प्रभाव
कुछ दवाएं, जैसे नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), आंतों की परत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा, कुछ हार्मोनल दवाएं और एंटीबायोटिक्स भी IBD के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
IBD से बचाव के उपाय
संतुलित आहार: फाइबर युक्त आहार, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज, आंतों की सेहत के लिए लाभकारी हैं।
एंटीबायोटिक्स का सीमित उपयोग: केवल आवश्यक होने पर ही एंटीबायोटिक्स का सेवन करें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
प्राकृतिक माइक्रोब्स के संपर्क में आना: प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना और बच्चों को मिट्टी और जानवरों के संपर्क में लाना उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है।
दवाओं का सावधानीपूर्वक उपयोग: NSAIDs और अन्य दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें।
IBD एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय रोग है। समय पर निदान, उचित उपचार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपको लगातार पेट दर्द, दस्त या वजन कम होने जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
नोट: यह ब्लॉग Times of India के लेख "5 surprising reasons more and more people are getting Inflammatory Bowel Disease, and no it is not (just) alcohol" पर आधारित है, लेकिन इसमें प्रस्तुत जानकारी स्वतंत्र रूप से संकलित और प्रस्तुत की गई है।
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